Friday 7 August 2015

मन की बातें 2

थाम कर,
मेरा हाथ,
चलो उस जहाँ में,
जहां सिर्फ तुम होगी,
और मैं होऊंगा,
और हमारा प्यार होगा,
दरम्यां हमारे ।
जहां तुम कहोगी,
और मैं सुनूंगा,
और मेरी नज़रों में,
सिर्फ और सिर्फ,
तुम्हारा अक्स होगा ।
आओ चलो,
बादलों पे सवार होकर,
चलो बादलों की दुनियाँ में,
जहां बादलों का,
घर बनाकर,
बादलों से ही खेला करेंगे ।। कुंदन

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