Wednesday 17 July 2013

दहाड़ता हुआ सा - 3

1). पहले की बात और थी, पहले तो हम निशाने पे हुआ
करते थे ।। आज भी बेवजह ही परदा करने की ,पर
आदत नहीं गयी तुम्हारी ।। KRV ।।

2). कभी तूने कहा था के मैं तेरा आइना हु // और आज
टूटकर बिखरा पड़ा हु एक कांच की तरह //कुंदन
विद्यार्थी //

3). मैंने तो तेरी आँखों में बसकर तेरी नज़र से
दुनिया देखना चाहा था // तूने दरकिनार कर दिया मुझे
आंसुओं का बहाना करके // कुंदन विद्यार्थी//
4). तेरे इश्क में कुछ तन्हाईयाँ भी मिली, कुछ ग़म
भी मिले । लोगों की रुस्वाइयां भी मिली, और आँखे
नम भी हुए । पर जो नहीं मिले वो तुम थे और
जो नही भूला वो हम थे । फिर भी कटती है हर शाम
मुस्कुराती हुई तेरी दी हुई तन्हाईयो और ग़मो के
साथ । कुंदन विद्यार्थी ।।

5). तेरे लबों की हंसी और मेरे दिल के दर्द
का वास्ता कुछ यूँ था // तू हर हकीकत को ख्वाब
समझ कर भूल गयी और मैं हर ख्वाब को हकीकत
मानकर सांस लेता गया // कुंदन विद्यार्थी //

6). तुझ पत्थर की हीरे सी चमक में यूँ खोये रहे के जाने
कितने बेतरासे हीरों को नज़रंदाज़ कर दिया ।। कुंदन
विद्यार्थी ।।


7). मुझे गुमान था के मेरा चाँद दागदार नहीं है.... उसने
यूँ किया के मेरे इस गुमान का भी क़त्ल कर
दिया ....।। कुंदन विद्यार्थी।।


8). आज दिल जार जार रोने का चाहा // और फिर यूँ
हुआ के बादल बरस पड़े// कुंदन विद्यार्थी//

9). तुम मेरे ख्यालों से जाती ही नहीं हो // और कभी मैं
ही तुम्हें रोक लेता हूँ जाने से//इस तरह मैं
नींदों को भी भुला देता हूँ// और अक्सर ही सपनोंमें
मिलने का वादा तोड़ जाता हूँ मैं//कुंदन विद्यार्थी//


10). उसे डर है के कहीं उसे भी मोहब्बत ना हो जाए
मेरी तरह // शायद इसलिए हर बार सामने आने से
कतराती है //कुंदन विद्यार्थी //


11). तू उधर नाराज बैठी है
मैं इधर बेचैन बैठा हु
देखें ये सिलसिला चलेगा कबतक ।। कुंदन
विद्यार्थी ।।

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