ए आसमा के तारे,
ए चाँद ए नज़ारे.
देखा कहीं है तूने,
मेरे यार को बता दे.
वो जान है जो मेरी,
नाराज़ थोड़ा मुझसे.
सुन ए हवा उसे तू,
मेरे लिए मना ले.
वो है ज़रा सी भोली,
मीठी सी उसकी बोली.
तन्हाइयों में होगी,
बैठी कहीं अकेली.
उसको खबर नहीं है,
मैं भी यहाँ हूँ तनहा,
उसके बिना है मेरी,
ये ज़िंदगी अधूरी.
सुन बाग़ की ए कलियाँ,
जब भी यहाँ वो आये,
कांटे न चुभाना उसको,
रखना उसे संभाले.
ए असमा के तारे,
ए चाँद ए नज़ारे.
देखा कहीं है तुने,
मेरे यार को बता दे.
कलियों सी है वो नाज़ुक,
होगी नज़र झुकाए.
फिजाओं में रंग भर दे,
जब भी वो मुस्कुराए.
पहचान लोगे उसको,
देखोगे जब उसे तुम.
नज़रों में उसने मेरी,
तस्वीर है छुपाये.
ए पंछियों ए भवरे,
ज़रा दूर उड़ के देखो.
और ढून्ढ के मुझे तू,
उसका पता बता दे.
ए आसमा के तारे,
ए चाँद ए नज़ारे.
देखा कहीं है तुने,
मेरे यार को बता दे..
Kundan Vidyarthy.
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